अभिव्यक्ति की आज़ादी की सीमा कहां है?

साकाल पेपर्स जैसे मामले में अदालत किस तरह फैसला सुनाए? संविधान कुछ उचित प्रतिबंधों के साथ केवल बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है। जब बोलने की आज़ादी पर क़ानून बन रहा था तब संविधान सभा में बहस के दौरान अख़बारों के एकाधिकार के मुद्दे पर वास्तव में संविधान निर्माताओं ने कोई चर्चा ही नहीं की थी।

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